Thursday, January 21, 2010

ज़िन्दगी कैसी है पहेली?

ये ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है फिर भी हम इसमें तन्हा क्यों है। शायद हम इसमें कही गुम हो गए है। हमे इसका एहसास करते रहना चाहिए कि ये ज़िन्दगी वाक्यही हसीन है। इसलिए हमे शायद अपने हर गम को भुला कर ज़िन्दगी के हर लम्हे को जीना चाहिए। ज़िन्दगी खुदा का ही खूबसूरत नज़राना है। आप अपनी इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में से कुछ फुरसत के पल निकालिए और अपने दिल की हर बात को अपनी ज़िन्दगी में खूबसूरत फूलो की तरह बिखेर डालियें।

Monday, January 11, 2010

दिल वालो की दिल्ली

कहने को तो हम दिल वालो की दिल्ली में रहते है। लेकिन क्या दिल्ली वालो के पास सच में दिल होता है। यहाँ पर तो किसी के पास इतना भी वक़्त नहीं है की किसी की बात भी सुन ले और इस बीच कोंई उत्तर प्रदेश या बिहार से आ जाये तो बस कहने ही क्या। वो तो उस व्यक्ति को किसी चिड़िया घर के जानवर से कम नहीं समझते। वो उसे केवल हँसी का पात्र समझते है। दिल्ली वालो को अब तो सुधारना ही चाहिए। हांलाकि मै भी एक दिल्ली वासी हूँ। मै फिर भी इस बात क़ी घोर निंदा करता हूँ। हमे यह सोचना चाहिए की कभी हमे भी उनकी ज़मीन या उनके शहर में जाना पड़ सकता है। हमे हर व्यक्ति को समान समझना चाहिए। क्योंकि भगवान की नज़र में हम सब एक है।